आधुनिक विज्ञान Technology

आधुनिक विज्ञानं और उसके दुस्प्रभाव 


INTERNET SIDE EFFECTS

  • आज हम बात विज्ञान की करते है जिसे आज हर कोई इस्तेमाल कर अपने काम को आसांन बना समये की बचत करना चाहता है आज की technology हर कोई अपने जीवन में लाना चाहता है 
  • वर्तमान समये में मनुष्य इतना स्वार्थी हो गया है की अपने समय की बचत के लिए इस Technology के side effect को बिना जाने अन्धो की तरह इस्तेमाल कर रहा है तो चलिय बात करते है उन side effects के बारे में वैसे तो इस आधुनिक विज्ञानं के तो बहुत दुस्प्रभाव है इन दुस्प्रभावो को जानते हुए भी हम इस्तेमाल करते है 
  • अपनी रोजाना दिनचर्या में महसूस करते हुए भी हम इस Technology के दुस्प्रभावो को नजर अंदाज करते है 

  • आधुनिक विज्ञानं के दुस्प्रभाव  (Modern Technology Side Effects)

  1. पशु पछियो का विलुप्त होना      

  • आधुनिक विज्ञानं के चलते प्रतिदीन लोगो की Internet की माग बढती जा  रही है लगभग हर व्यक्ति इन्टरनेट का इस्तेमाल कर रहा है सायद कोई ऐसा हो जो न करता हो मेरी समझ में ऐसा कोई नहीं होगा 

  • प्रतिदिन लोग High speed internet data की demand करते है इस टेक्नोलॉजी में बने यंत्र जैसे मोबाइल टेलीविज़न या फिर हर वो यन्त्र जिसमे इन्टरनेट का इस्तेमाल होता हो उससे निकलने वाली तरंगे जानलेवा होती है ये तरंगे ना सिर्फ पशु पक्षियों के विलुप्त होने का कारण है बल्कि ये उतनी ही हानिकारक हमारे लिए है इनके प्रभाव से लोगो की आयु कम होती जा रही है और लोग विभिन्न मानसिक बीमारियों से ग्रसित होते जा रहे है 
  • आ धुनिक यंत्रो से घरेलु पशुवो का बेघर होना


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    बाज


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  1. आप सोच रहे होगे की आधुनिक यंत्रो से पालतू पशुवो के बेघर होने से क्या सम्बन्ध है तो चलिए हम आपको बताते है 
  2. आज से १०० - २०० साल पहले लोग मेहनती होते थे लोग हलो से खेती करते थे लोग खेती करने के लिए पसुवो को पालते थे पशु ही उनके जीवन के सच्चे साथी होते थे लोग बैलो व् अन्य नर प्रजाति के पशुवो का इस्तेमाल खेती करने में करते थे और गाय भैस बकरी और घोड़े हाथी आदि पसुवो को लोग पालते थे लोग घोड़े हाथी की मदद से दूर दूर से सामान लाते थे और इनका इस्तेमाल शादियों में भी होता था जिससे इनकी अधिक माग थी कोई भी पशु बेघर नहीं होता था 
  3. जैसे आज हर जगह गायो का झुण्ड सड़को पर देखा जाता है लोग बेरहमी सेसे उन्हें मारते है और अन्य पशुवो की माग ही नहीं रही जैसे हाथी घोडा बैल जब से ट्रैक्टर आया तो हलो से खेती ही बंद हो गयी हलो के बंद हो जाने से नर पशुवी को पालना बंद हो गया 
  4. वाहनों जैसे मोटर सिकल बस कार आदि के आने से हाथी घोड़े की माग बंद हो गयी लोगो ने इन्हें पालना बंद कर दिया जिससे जानवर बेघर हो गए इनकी सख्या में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है और जो बचे है वो बेमौत मारे जाते है 

 वनों का विनास 


  1. आधुनिक विज्ञानं के कारन लोग अपने स्वार्थ के लिए जंगलो का विनास कर रहे है 
  2. जंगली जानवरों के मौत और विलुप्त होने का कारण जंगलो का ख़तम होना है लोग अपने स्वार्थ के लिए उनके घर को उजाड़ रहे है और बचे हुए जंगली जानवरों को अपने मनोरंजन के लिए चिड़ियाघरो में बंद कर देते है 

  • (CONCLUSION)निष्कर्ष 
  1. आशा करता हु अब आप समझ गए होगे की ये आधुनिक विज्ञानं पशु पक्षियों जिव जन्तुवो के लिए जितना हानिकारक है उतना ही हमारे लिए भी हानिकारक है इसलिए कम से कम इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करे वक्त लगता है तो लगने दो हम अपने थोड़े फायदे के लिए इतना बड़ा नुक्सान नही कर सकते है इस टेक्नोलॉजी से होने वाला विकास हमें नहीं चाहिए अगर ऐसा ही रहा तो ये विकास ही हमारे विनास का कारण बनेगा 

संक्षेप में 

  • ऐसी टेक्नोलॉजी वा इससे भी अधिक प्रभावसाली टेक्नोलॉजी कई हजार वर्ष पूर्व भारत से ही प्रारम्भ हुई थी परन्तु इतनी अधिक टेक्नोलॉजी होने के कारण भी पहले कभी ऐसे यन्त्र नही बनाये गए जो जिव जन्तुवो वा मानव जाती के लिए जानलेवा साबित हो 
  • परन्तु जिसे आज हम मॉडर्न टेक्नोलॉजी कहते है इस टेक्नोलॉजी के निर्माता यूरोपीय देशो को मानते है उन्होंने ही इन सभी यंत्रो का निर्माण किया बिना यह सोचे की ये कितने हानिकारक हो सकते है और हम इन यंत्रो को बिना सोचे समझे इस्तेमाल कर अपने पैरो पर कुल्हाड़ी मार रहे है 
  • इससे कई गुना अधिक टेक्नोलॉजी हजारो लाखो वर्ष पूर्व भारत अर्थात आर्यावर्त में थी ऐसे यंत्रो व अस्त्र शास्त्रों का उदाहरण रामायण व महाभारत में मिलता है ऐसे रोबोटिक यंत्रो का इस्तेमाल राक्षसों के विनास के लिए सिर्फ युध्धो में होता था वैसे यन्त्र आज बनाना संभव नही है उसी विज्ञानं की नक़ल कर यूरोपीय देश ऐसे हानिकारक वा दुस्प्रभावी यन्त्र बनाते है और उनका गलत इस्तेमाल करते हैऔर उनका व्यापार करते है और हम इस्तेमाल कर उनके आदि बन जाते है 
अंत तक पढने के लिए धन्यवाद 

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